PAYTM FAKE APP

 PAYTM FAKE APP


FAKE PAYTM APP

बहुत बार हमारे साथ ऐसा होता है कि हमलोग किसी से ONLINE पेमेंट लेते हैं किस UPI APP के मदद से, पर हमारे अकाउंट में पैसा आता ही नहीं है। जो पैसा भेजता है वह बोलता है कि देखो मेरे अकाउंट से तो कट गया। तब इस परिस्थिति में हमलोग उसे कुछ नहीं बोल पाते हैं और बैंक का चक्कर लगते हैं। लेकिन हमें यह पता ही नहीं होता है कि हमारे साथ FRAUD हो चूका है। जी हाँ आपने सही सुना है। ऐसा सिर्फ PAYTM के साथ ही नहीं हो रहा है बल्कि सारे UPI APP के साथ हो रहा है। इन सब UPI APP में GOOGLE PAY, PHONE PAY, BHARAT PAY और PAYTM सब शामिल है। 

अब बात सामने यह आती है कि ऐसा APP बना कौन रहा है और उसे क्या फायदा है इससे ? आप भूल से भी यह मत सोचियेगा कि ये सारे फ्रॉड APPS UPI कंपनी वाले बना रहें हैं। ऐसा बिलकुल नहीं है। 

ऐसा FRAUD APP या तो कोई HACKER बना रहा है या कोई APP DEVELOPER बना रहा है। और यह जानकर आपको आश्चर्य होगा कि ये APP GOOGLE PLAYSTORE में नहीं है बल्कि सिर्फ GOOGLE में और DARK WEBSITE में उपलब्ध है। 

अब आपके मन में एक सवाल आएगा कि ये सारे APPS PLAYSTORE में क्यों नहीं है ? तो इसका सीधा सा जवाब है कि अगर वो लोग इस तरह के FRAUD APPS प्लेस्टोर में डालेंगे तो APP ID के वजह से पकडे जायेंगे और उनके घर में पुलिस आ जाएगी। 

तो फिर आपके मन में एक और सवाल आया होगा कि जब प्लेस्टोर में वो लोग पकडे जा रहें हैं तो फिर GOOGLE में क्यों नहीं पकड़ा रहें हैं ? तो इसका भी सीधा सा सवाल यह है कि इसमें APP ID जैसी कोई भी चीज़ नहीं होती है। इनका कोई भी TEST यहाँ नहीं लिया जाता है क्यूंकि जिसमें वो लोग उस FRAUD APP को UPLOAD या LINK से BIND करतें हैं वह उनका खुद का ही वेबसाइट होता है। इस प्रकार GOOGLE को भी पता नहीं चल पाता है और अगर पता चल भी जाये तो वह बिना किसी SERIOUS कारण के कुछ भी ACTION नहीं लेता है। जब तक उस देश की सरकार कुछ नहीं बोलती है तब तक ऐसा ही चलता रहता है। 

अब आपके मन फिर से एक सवाल आ रहा होगा कि ये जो APP DEVELOPERS हैं उनको क्या फायदा होता है इस तरह के FRAUD APP बनाने में ? तो इसका भी सवाल बहुत आसान है। वे लोग या तो अपने उस APP में ADS लगाते हैं या फिर अपने उस WEBSITE में ADS लगवाते हैं जिनके वजह से उनको पैसा भी मिलता है और उनका वेबसाइट HIGH AUDIENCE RETENSION के वजह से RANK में आगे आता रहता है जिससे उनकी कमाई और ज्यादा हो जाती है। इस तरह वो लोग उस वेबसाइट में अगले बार जो कुछ भी डालतें हैं सारा का सारा चीज़ रैंक कर जाता है और उनकी कमाई भी उसी तरह बढ़ती चली जाती है। 

अब आपको समझ आ गया होगा कि कौन और क्यों इस तरह के APP को DESIGN करतें हैं ? 

वैसे गूगल में बहुत सारे FRAUD APPS को BANNED कर दिया गया है और साथ में उन सारे WEBSITES को भी। पर अभी भी कुछ FAKE PAYMENT APPS बचे हुए हैं। पर उनमें से कुछ को आप साधारण रूप से अपने फ़ोन में डाउनलोड नहीं कर सकतें हैं। कुछ को आप VPN का इस्तेमाल करके INSTALL कर सकतें हैं। बाकि बचे कुछ फेक पेमेंट APP को आप साधारण रूप से डाउनलोड कर सकतें हैं पर आपको अब कोई फायदा नहीं होने वाला है क्यूंकि लोग अब जागरूक हो चुकें हैं। उनको पता चल जायेगा कि कौनसा FAKE पेमेंट है और कौनसा REAL पेमेंट। 

पहले लोग मैसेज वगैरह नहीं देखते थे। बस सामने वाले ने अपने PAYMENT का स्क्रीन दिखा दिया, लोग इसी को ही मान लेते थे। पर अभी लोग मैसेज देखने के बाद ही आपको जाने देंगें। बहुत सारे ऐसे उपकरण भी आ गएँ हैं कि जैसे ही PAYMENT SUCCESSFULL होगा, वैसे ही उसमें से आवाज आएगा ENGLISH या HINDI में कि इतना रूपया इस नाम से पेमेंट हुआ है और अगर फेक पेमेंट होगा तो कोई भी आवाज नहीं आएगा। इसी से FRAUDS पकड़ा जायेंगे। इस तरह के उपकरण लगभग अभी सभी दुकानों में उपलब्ध हैं। 

अब आपके मन में फिर से एक सवाल आ रहा होगा कि लोग इस FAKE APP से कैसे धोका खा रहें थे ? तो इसका भी साधारण सा जवाब यह है कि उस FAKE APP को हूबहू दूसरे REAL UPI APP के तरह डिज़ाइन किया जाता था। अगर आपके सामने भी उस APP को रख दिया जाये तो आप भी पहचान नहीं पाओगे। मै खुद इसका शिकार एक बार हो चूका हूँ। आपके पास जब तक REAL वाला पेमेंट का स्क्रीन नहीं होगा तब तक आप उस FAKE PAYMENT SCREEN को नहीं पकड़ पाओगे, ये मेरा चैलेंज है। 

अब आप जरूर पूछोगे कि वह FAKE APP काम कैसे करता है ? तो चलिए ये भी बता देतें हैं। 

उस APP में 4 कॉलम होतें हैं जिसमें उस FRAUD को दूकानदार का नाम, फ़ोन नंबर, पैसा और तारीख को लिखना पड़ता है। अब ये सारा INFORMATION उस FRAUD को उस दुकानदार के पास से ही मिल जाता है या फिर दीवाल में चिपके हुए UPI APP के फोटो से। ये सब भर लेने के बाद वह DONE मारता है और दूकानदार के सामने स्क्रीन को दिखा देता है। वह APP एक SIMULATOR या TEMPLATE के तरह काम करता है। उस APP में पहले से किसी भी REAL UPI APP का टेम्पलेट फ़ीट किया हुआ होता है और उसमें सिर्फ वही चार INFORMATION ही CHANGE होता है। SAME PROCESS बाकि सबके साथ इसी तरह चलता रहता है और लोग इस FRAUD के शिकार होते रहते हैं। 

अगर आपको इस पोस्ट में कुछ समझ नहीं आया या फिर आप और ज्यादा जानना चाहतें हैं तो आप मेरा यूट्यूब चैनल को VISIT करें। 

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